@pure.vichar
उदासी, ख़ामोशी, और तन्हाई!
― अज्ञात
@pure.vichar
अंत में खुद को मारने से ज्यादा जीने के लिये साहस की जरूरत होती है !
-अल्बर्ट कामु
― अज्ञात
@pure.vichar
सुनो सबकी करो मन की
लेकिन पूर्ण जागरुकता से
― अज्ञात
@pure.vichar
Balloons on my TL
― अज्ञात
@pure.vichar
दिल नहीं मानता है वरना महसूस तो मुझे भी हो गया था
कि तुम्हारे दिल में मेरे लिए पहले जैसी जगह नहीं रही..!
― अज्ञात
@pure.vichar
मालूम है, तुम चाहोगे नहीं कभी मुझे
करेंगे फिर कभी, कोशिशें ख़ुद को समेटने की
इतनी जल्दी ये दिल मानेगा नहीं
― अज्ञात
@pure.vichar
उम्र बीत रही है खुद को #लिखते_लिखते
मगर मुक्मल हम हो न पाए
जानें कैसे भूला दिया मैंने खुद को
आज तलक़ खुद जो मिल न पाए
#बज़्म
― अज्ञात
@pure.vichar
मुझको तूफां से निकाल भंवर में ले गयी
वो इस तरह डूबने वाले को बचायी
― अज्ञात
@pure.vichar
कभी कभी खो भी जाना चाहिए
ये देखने के लिए की तलाश करने कौन आता है !!
― अज्ञात
@pure.vichar
मधुबन की सुगंध है साँसों में
बाहों में कमल की कोमलता
किरणों का तेज है चेहरे पे
हिरणों की है तुझमें चंचलता,
आँचल का तेरे है तार बहुत
कोई चाक जिगर सीने के लिए
जीवन से भरी तेरी आंखें
― अज्ञात
@pure.vichar
अगर आसमान वाले के साथ आपका रिश्ता अच्छा है,
तो जमीन वाला कुछ नहीं बिगाड़ सकता..!!
#goodmorning
#मेरे_कथन
― अज्ञात
@pure.vichar
प्रेम का वर्णन असंभव है..
― अज्ञात
@pure.vichar
में जब हंस पड़ूं फिर मुझे मुत्मइन न समझना
दिल-ए-कैफियत जहूर ना इसलिए थोड़ा साद रहता हूं में
― अज्ञात
@pure.vichar
उदासी जीवन में अपना स्थायी निवास बनाए हुए है..विभिन्न तरह की व्यथाओं में उलझे जीवन के कारण कभी खुश होने की कोशिश भी करता हूँ तो खुश नहीं हो पाता हूँ..हृदय की बेचैनी में एक अंधेरे कमरे को अपना सबकुछ मान चुका हूँ..क्योंकि सपाट दिखती कमरे की छत पर जाती दृष्टि के आगे जीवन पीड़ामय है
― अज्ञात
@pure.vichar
तूं जहां जहां चलेगा (केजरीवाल)
मेरा (ED) साथ होगा।
― अज्ञात
@pure.vichar
जवानी में लड़के उदास रहने लगते हैं
मसला इश्क का नहीं घर की जिम्मेदारियों का है
― अज्ञात
@pure.vichar
आज फिर कहीं कुछ जरा सा टूट गया
― अज्ञात
@pure.vichar
तेरा नाम ही काफ़ी होता है,दिल की धड़कनें बढ़ाने को
― अज्ञात
@pure.vichar
वैसे तो बर्बाद होने के कई रास्ते थे
और मैं सब में घुस गया
― अज्ञात
@pure.vichar
छू ले रूह को या ख़त्म कर दे सुकूँ की ख्वाहिश
ये घूँट घूँट जीना क्या ये बूँद बूँद मरना क्या
#एकान्तवाणी
― अज्ञात
@pure.vichar
Replying to
हम समझदार तब तक नहीं बनते
जब तक हमें कोई बेवकूफ नहीं बना देता ॥
― अज्ञात
@pure.vichar
कोहरे ने ढाँप दी हैं सारी ख्वाहिशें
करता नहीं है अब दिल भी गुज़ारिशें
― अज्ञात
@pure.vichar
Replying to
सुंदर
जिस दिन मुस्कान आती है तेरे चेहरे पर
मेरी वज़ह से
माँ वो दिन सफल होता है मेरा
तेरी वज़ह से
― अज्ञात
@pure.vichar
मुसकराहटों का कोई मोल नहीं
जनाब
भूल के गम हमे मुस्करों लेते हैं
हम...!!
― अज्ञात
@pure.vichar
चालाकी चार दिन चमकती है
और ईमानदारी जीवन भर …
― अज्ञात
@pure.vichar
आत्ममुग्ध लोग खुद को पीड़ित दिखाने के लिए दूसरों को तकलीफ देकर बदले का इंतजार करते हैं!
― अज्ञात
@pure.vichar
जीना, एक संगीन मामला है
तुम्हें प्यार करने की तरह
— नाज़िम हिकमत
― अज्ञात
@pure.vichar
ये उम्र, ये बरसात, ये भीगी हुइ रातें ..
इन रातों को अफ़्साना बनाने के लिए आ ...!!
― अज्ञात