@pure.vichar
अपनी आत्मा को संतुष्ट
करो समाज को नहीं!
― अज्ञात
@pure.vichar
जिंदगी खूबसूरत चीजों से नहीं बनती नबी के पीछे चलने से बनती है
#صلوا_على_الحبيب_محمد_ﷺ
― अज्ञात
@pure.vichar
पढ़ी लिखी लड़की से प्रेम करना अच्छा होता है या अनपढ़ लड़की से..???
― अज्ञात
@pure.vichar
बदले नही समझ गए हैं
― अज्ञात
@pure.vichar
यथार्थ भ्रम तोड़ता है
और स्वार्थ संबंधों को
― अज्ञात
@pure.vichar
चीजें सिर्फ दिखाने के लिए ना करें
आप जो करना चाहते है इसलिए वही करें
― अज्ञात
@pure.vichar
एक तुम्हारे ही घेरे में रहते हैं
जायें कहीं भी
तुमसे ही मिलते हैं
― अज्ञात
@pure.vichar
जो छोड़ गए बोझ
थेजो पास हैंखास हैं
Good morning
― अज्ञात
@pure.vichar
जो लोग हमसे जलते हैं तैयार रहना
क्योंकि साल बदलेगा मगर हम नहीं
― अज्ञात
@pure.vichar
समस्या का अंतिम हल
माफी हैकर दो या मांग लो
― अज्ञात
@pure.vichar
उसने दरिया में डाल दो होगी
मेरी मोहब्बत भी एक नेकी थी
― अज्ञात
@pure.vichar
औलाद वही नेक है
जो बुढ़ापे में मां बाप का सहारा बने
― अज्ञात
@pure.vichar
गुलाब चाहे कितना भी खूबसूरत क्यों न हो, दिल हमेशा मोगरा से भरा रहता है..!
― अज्ञात
@pure.vichar
फ़ेकना नहीं सच-सच बताना
आपकी मंथली सैलरी कितनी है-?
― अज्ञात
@pure.vichar
ग़ुस्से में भी जब कभी कभी वो
गलती से दबे होंठों से मुस्कुरा देता है
उफ़्फ़ क्या कहे
दिल को मेरे एक बार फिर से
उससे प्यार हो जाता है
― अज्ञात
@pure.vichar
ये आइडिया हमारे देश से
बाहर नहीं जाना चाहिए
― अज्ञात
@pure.vichar
कट ही गई जुदाई भी कब ये हुआ कि मर गए
तेरे भी दिन गुजर गए मेरे भी दिन गुजर गए
― अज्ञात
@pure.vichar
माँ का हँसना ऐसा है जैसे मेरे ईश्वर का मेरी छोटी-छोटी गलतियों पर मुझे माफ करना !!
― अज्ञात
@pure.vichar
सभी भक्तों को सुबह सवेरे की राम राम
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
#जय_गुरुदेव
#GoodMorning
― अज्ञात
@pure.vichar
Replying to
"सवा लाख से एक लड़ाऊं,
चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं,
तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं"
धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीरता के प्रतीक, महान योद्धा, खालसा पंथ के संस्थापक, दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के ३५७ वें प्रकाश पर्व की हार्दिक
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― अज्ञात
@pure.vichar
गलतफहमी दिल से बने
रिश्तो को भी तोड़ देती है
― अज्ञात
@pure.vichar
वहम और अहम ले डूबता है !
― अज्ञात
@pure.vichar
श्री गणपति महाराज की जय
― अज्ञात
@pure.vichar
सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं,
तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं",
सिख धर्म के दसवें गुरु व खालसा पंथ के संस्थापक श्री #GuruGobindSingh जी के प्रकाश पर्व पर उन्हें कोटिशः वंदन
#GuruGobindSinghJayanti
― अज्ञात
@pure.vichar
यदि तुम कोई रहस्य रखना चाहते हो तो तुम्हें उसे स्वयं से भी ओझल रखना चाहिए।
~ जॉर्ज आरवेल
― अज्ञात
@pure.vichar
जाने क्या धुन सी लगी है
बस दौड़ते जा रहे हैं
मंज़िल कोई नहीं है मगर
राहों पर फिसलते जा रहे हैं
ठहरना अब शायद मुमकिन नहीं
एहसास सारे खोते जा रहे हैं
अकेले गुमराह भटकते हैं सभी
साथ रहने से गुरेज़ किये जा रहे हैं
मरने की किसी को ज़रूरत नहीं
जीते जीते ही रोज़ मरते जा रहें हैं
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― अज्ञात
@pure.vichar
आसमां इतनी बुलंदी पे जो इतराता है
भूल जाता है जमीं से ही नज़र आता हैं...!!!
― अज्ञात
@pure.vichar
शायद कि मिल सकें न
नए मौसमों में हम
जाती रुतों के आख़िरी
मंज़र तो देख लें...!!
#अज्ञात
― अज्ञात