@pure.vichar
मर्द कहता है अकेली औरत महफूज़ नहीं
पर ये नही बताता किसकी वजह से
#wafa
― अज्ञात
@pure.vichar
किस उम्र तक पढ़ा जाए और किस उम्र से कमाया जाए , ये शौक नहीं, हालात तय करते हैं
#wafa
― अज्ञात
@pure.vichar
पड़ोस की बेटी भूखी है, किसी को मालूम नहीं
पड़ोस की बेटी कहां गई है? किसके साथ गई है, सबको मालूम है
#wafa
― अज्ञात
@pure.vichar
तेरी मुस्कुराहटों को
किसी की नज़र ना लगे
चल आ तेरी सारी बलायें अपने सर ले लूँ
― अज्ञात
@pure.vichar
हरकतें फ़ितरतों का
आईना होती हैं
― अज्ञात
@pure.vichar
बिना आवाज़ के रोना
रोने से ज़्यादा दर्द देता है
― अज्ञात
@pure.vichar
सब्र रखते हैं बड़े ही सब्र से हम
वरना तेरे इंतेज़ार के लम्हें जान लेवा हैँ
― अज्ञात
@pure.vichar
ज़रूरत जिन्हें लात की हो
उन्हें प्यार कभी मत देना
― अज्ञात
@pure.vichar
तेरी यादें कांच के टुकड़े और
मेरा इश्क़ नंगे पैर
― अज्ञात
@pure.vichar
दुनियां का दस्तूर यही है
साथ वहां तक मतलब जहां तक
― अज्ञात
@pure.vichar
आग अपने ही लगाते है
जिंदगी को भी लाश को भी !
― अज्ञात
@pure.vichar
संघर्ष भी उन्हीं को चुनता है
जिनमें लड़ने कि क्षमता होती है
#wafa
― अज्ञात
@pure.vichar
संघर्ष भी उन्हीं को चुनता है
जिनमें लड़ने कि क्षमता होती है
#wafa
― अज्ञात
@pure.vichar
रोज़ इतने लोग मरते हैं पता नहीं
मैं क्यों बच जाता हूँ
― अज्ञात
@pure.vichar
हम बुरे दोस्त हैं
मगर दो मुँह वाले नहीं
― अज्ञात
@pure.vichar
लड़ाई जारी है
भाग्य से वख्त से अपने आप से
― अज्ञात
@pure.vichar
भविष्य को देखकर व्यापार होता है
प्रेम कभी नहीं होता
― अज्ञात
@pure.vichar
मन तो था की मन का हो सब
मगरमन का कभी कुछ हुआ है क्या!
― अज्ञात
@pure.vichar
सबर करने वालो को ही
सबसे ज़्यादा आज़माया जाता है !
― अज्ञात
@pure.vichar
ख़ास होने का भ्रम ना पाले आपको पाकर
लोग आपसे बेहतर की तलाश में रहते हैं
#wafa
― अज्ञात
@pure.vichar
कितनी ही पीड़ाएँ हैं
जिनके लिए कोई ध्वनि नहीं है
― अज्ञात
@pure.vichar
जहाँ तक तुम हो
वहीं तक सफर है मेरा
― अज्ञात
@pure.vichar
हर इंसान अंदर से ख़तम हो रहा है
- किसी ने तस्वीरें लेना छोड़ दिया
- किसी ने अपने सारे शौक छोड़ दिये
- किसी को मोहब्बत से नफ़रत हो गई
- किसी को तन्हाई पसंद आ गई
- किसी ने दोस्तों से मिलना छोड़ दिया
#wafa
― अज्ञात
@pure.vichar
हर इंसान अंदर से ख़तम हो रहा है
- किसी ने तस्वीरें लेना छोड़ दिया
- किसी ने अपने सारे शौक छोड़ दिये
- किसी को मोहब्बत से नफ़रत हो गई
- किसी को तन्हाई पसंद आ गई
- किसी ने दोस्तों से मिलना छोड़ दिया
#wafa
― अज्ञात
@pure.vichar
चंद झूठे ख्वाबों की खातिर
सच्ची नींदें तबाह करता हूँ
― अज्ञात
@pure.vichar
कद नहीं
औकात बढाओ अपनी
― अज्ञात
@pure.vichar
ये कैसा आज़ाद देश है ये कैसी सरकार है ,
जहां हर रोज़ कई निर्भया होती दरिंदो का शिकार है
#wafa
― अज्ञात
@pure.vichar
धड़कन के कुछ उसूल होते हैं
ये हर किसी के लिए तेज़ नहीं होती
― अज्ञात